माइक्रोग्रीन्स पर आज तक हुई रिसर्च काफी व्यापक और महत्वपूर्ण रही है, खासकर हाल के वर्षों में। यहाँ इसकी संपूर्ण जानकारी दी गई है:

माइक्रोग्रीन्स: रिसर्च की शुरुआत और विकास

माइक्रोग्रीन्स, जो कि सब्जियों, जड़ी-बूटियों और अन्य पौधों के युवा अंकुर होते हैं, 1980 के दशक के अंत में सैन फ्रांसिस्को के उच्च-स्तरीय रेस्तरां शेफ के मेनू में पहली बार दिखाई दिए। दक्षिणी कैलिफोर्निया में 1990 के दशक के मध्य से इनकी खेती हो रही है। शुरू में कुछ ही किस्में उपलब्ध थीं, जैसे अरुगुला, तुलसी, चुकंदर, केल, धनिया, और एक रंगीन मिश्रण जिसे "रेनबो मिक्स" कहा जाता था।

माइक्रोग्रीन्स पर पहला वैज्ञानिक अध्ययन 2004 में संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रकाशित हुआ था। इस अध्ययन में बीजों के उपचार के माध्यम से माइक्रोग्रीन्स के विकास को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया था (Lee, Pill, Cobb, & Olszewski, 2004)। 2010 तक, माइक्रोग्रीन्स ने अनुसंधान में काफी लोकप्रियता हासिल कर ली, जिसमें उपयुक्त फसलों, माध्यमों और खेती की स्थितियों की पहचान पर ध्यान केंद्रित किया गया।

मुख्य अनुसंधान क्षेत्र और निष्कर्ष

माइक्रोग्रीन्स पर हुए शोध ने कई प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया है:

1. पोषण संबंधी मूल्य (Nutritional Value)

क्या अनुसंधान हुआ: कई अध्ययनों ने माइक्रोग्रीन्स की पोषक तत्व सघनता का मूल्यांकन किया है और उनकी तुलना उनके परिपक्व समकक्षों से की है।

कहाँ और कब: संयुक्त राज्य अमेरिका के कृषि विभाग (USDA) ने कई अध्ययन किए हैं। उदाहरण के लिए, एक अध्ययन में पाया गया कि लाल पत्ता गोभी माइक्रोग्रीन्स में विटामिन सी की मात्रा सबसे अधिक थी।

क्या नतीजा था:

* माइक्रोग्रीन्स में अक्सर उनके परिपक्व पौधों की तुलना में विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सीडेंट और बायोएक्टिव यौगिकों (जैसे फ्लेवोनोइड्स, कैरोटीनॉयड और फेनोलिक्स) की सांद्रता बहुत अधिक होती है।

* कुछ माइक्रोग्रीन्स जैसे लाल पत्ता गोभी, धनिया और गार्नेट ऐमारंथ में उनके बड़े पौधों की तुलना में आवश्यक पोषक तत्वों का स्तर 40 गुना तक अधिक पाया गया है।

* विभिन्न माइक्रोग्रीन्स की पोषक तत्व संरचना में महत्वपूर्ण अंतर होता है, जैसे:

* ब्रोकली माइक्रोग्रीन्स: इसमें कुल फेनोलिक सामग्री (मुख्य एंटीऑक्सीडेंट) सबसे अधिक पाई गई है, जो सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करती है। इनमें आयरन और मैंगनीज भी भरपूर मात्रा में होते हैं।

* बीन माइक्रोग्रीन्स: एस्कॉर्बिक एसिड (विटामिन सी) का उत्कृष्ट स्रोत हैं।

* मटर माइक्रोग्रीन्स: फास्फोरस और तांबे से भरपूर होते हैं, जो हड्डियों और हृदय स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं।

* लाल चुकंदर माइक्रोग्रीन्स: हृदय स्वास्थ्य के लिए फ्लेवोनोइड्स का समृद्ध स्रोत हैं।

2. स्वास्थ्य लाभ (Health Benefits)

क्या अनुसंधान हुआ: इन-विट्रो और इन-विवो दोनों तरह के अध्ययनों ने माइक्रोग्रीन्स के संभावित स्वास्थ्य लाभों पर ध्यान केंद्रित किया है।

कहाँ और कब: दुनिया भर के विभिन्न अनुसंधान संस्थानों में अध्ययन हुए हैं, जिनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप और एशिया के विश्वविद्यालय शामिल हैं। यह शोध लगातार जारी है, नवीनतम अध्ययन 2024 और 2025 में भी प्रकाशित हुए हैं।

क्या नतीजा था:

* मधुमेह प्रबंधन: कुछ माइक्रोग्रीन्स (जैसे मेथी, जौ, ब्रोकली) रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं और इंसुलिन प्रतिरोध को कम कर सकते हैं।

* संज्ञानात्मक स्वास्थ्य में सुधार: माइक्रोग्रीन्स में मौजूद उच्च पॉलीफेनोल सामग्री मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकती है, तर्क क्षमता और स्मृति में सुधार कर सकती है।

* कैंसर की रोकथाम: ब्रासिका परिवार के माइक्रोग्रीन्स (जैसे ब्रोकली, मूली) में बायोएक्टिव यौगिक होते हैं जो कैंसर कोशिका के विकास को धीमा कर सकते हैं और ट्यूमर के गठन को रोक सकते हैं।

* हृदय स्वास्थ्य में सुधार: माइक्रोग्रीन्स "खराब" एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं, जिससे हृदय रोग का खतरा कम होता है।

* एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण: माइक्रोग्रीन्स में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिक होते हैं जो विभिन्न बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं।